6 जून 2011
नई दिल्ली/हरिद्वार। दिल्ली के रामलीला मैदान में बाबा रामदेव के खिलाफ हुई पुलिस कार्रवाई के बाद केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। देशभर में सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं और इसकी आंच नेपाल तक जा पहुंची है। काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास के सामने भी विरोध स्वरूप लोगों ने शांति मार्च निकाला।
वहीं, सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को इस मामले में केंद्र तथा दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा, जबकि विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील से मिलकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है, ताकि इन मुद्दों पर चर्चा की जा सके।
उधर, सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने सोमवार को लोकपाल विधेयक संयुक्त मसौदा समिति का बहिष्कार किया और बुधवार को एक दिवसीय अनशन की अनुमति मांगी।
इस बीच, बाबा रामदेव हरिद्वार में अपना अनशन जारी रखे हुए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री पर अपनी जिम्मेदारियों के निर्वाह में विफल होने का आरोप लगाया।
हरिद्वार स्थित अपने आश्रम में संवाददाताओं से बातचीत में बाबा रामदेव ने कहा कि उनके समर्थक महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हुई पुलिस 'ज्यादती' के विरोध में मानवाधिकार आयोग तथा महिला आयोग जाने की योजना बना रहे हैं।
मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र तथा दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करने के लिए उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय का धन्यवाद किया और कहा कि पूरा देश इसके लिए कृतज्ञ है।
अदालत ने केंद्रीय गृह सचिव जी. के. पिल्लै और दिल्ली के पुलिस आयुक्त बी. के. गुप्ता को नोटिस जारी कर पूछा है कि आखिर किन परिस्थितियों में शनिवार मध्यरात्रि को कार्रवाई की गई। दिल्ली के मुख्य सचिव को भी नोटिस जारी किया गया है। सभी से दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा गया है।
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह द्वारा बाबा रामदेव को 'ठग' बताए जाने से नाराज उनके समर्थकों ने भोपाल में कांग्रेस नेता के आवास पर पथराव किया, जबकि बिहार में मुजफ्फरपुर की एक अदालत ने उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह तथा नफरत फैलाने वाले बयान देने सम्बंधी याचिका स्वीकार की।
बाबा रामदेव ने पुलिस से बचने के लिए महिलाओं के कपड़े पहनकर अपने भागने को उचित ठहराया और कहा कि उन्होंने बचाव के लिए शिवाजी की रणनीति अपनाई। उनके अनुसार, महिलाओं के कपड़े पहनना कमजोरी का परिचायक नहीं है। महिला पुरुष को जन्म देती है। उसका दर्जा सर्वोच्च है।
Know when the festival of colors, Holi, is being observed in 2020 and read its mythological significance. Find out Holi puja muhurat and rituals to follow.
मकर संक्रांति 2020 में 15 जनवरी को पूरे भारत वर्ष में मनाया जाएगा। जानें इस त्योहार का धार्मिक महत्व, मान्यताएं और इसे मनाने का तरीका।